Sunday, October 23, 2011

दिवाली के इस डांस धमाल का मज़ा जरुर ले यहाँ पर्

आज आपको दिवाली के इस डांस धमाल का मज़ा देने के लिए कुछ इंतजाम किया है !यहाँ पर् यदि आप ब्यस्त है तब भी डांस धमाल का मज़ा ले सकते है बेसक बच्चो के लिए यह बहुत पसंद आएगा !जी हा आज आपको एक ऐसी साईट के बारे में बताने वाला हू जहा पर् जाकर आप खुद अपने चेहरे का डांस करता हुआ चलचित्र बना सकते है वो भी मुफ्त में बस आपको इस साईट पर् जाकर अपनी फोटो अपलोड करना है और आगे जाके दिए गए विकल्प के अनुसार आगे बढना है !बहुत आसान है !

Thursday, October 20, 2011

झलकारी बाई की जीवन गाथा

झलकारी बाई का जन्म 22 नवम्बर 1830 को झांसी के पास के भोजला गाँव में एक निर्धन कोली परिवार में हुआ था। झलकारी बाई के पिता का नाम सदोवर सिंह और माता का नाम जमुना देवी था। जब झलकारी बाई बहुत छोटी थीं तब उनकी माँ की मृत्यु के हो गयी थी, और उसके पिता ने उन्हें एक लड़के की तरह पाला था। उन्हें घुड़सवारी और हथियारों का प्रयोग करने में प्रशिक्षित किया गया था। उन दिनों की सामाजिक परिस्थितियों के कारण उन्हें कोई औपचारिक शिक्षा तो प्राप्त नहीं हो पाई, लेकिन उन्होनें खुद को एक अच्छे योद्धा के रूप में विकसित किया था। झलकारी बचपन से ही बहुत साहसी और दृढ़ प्रतिज्ञ बालिका थी। झलकारी घर के काम के अलावा पशुओं के रखरखाव और जंगल से लकड़ी इकट्ठा करने का काम भी करती थी। एक बार जंगल में उसकी मुठभेड़ एक तेंदुए के साथ हो गयी थी, और झलकारी ने अपनी कुल्हाड़ी से उस जानवर को मार डाला था। एक अन्य अवसर पर जब डकैतों के एक गिरोह ने गाँव के एक व्यवसायी पर हमला किया तब झलकारी ने अपनी बहादुरी से उन्हें पीछे हटने को मजबूर कर दिया था।[3] उसकी इस बहादुरी से खुश होकर गाँव वालों ने उसका विवाह रानी लक्ष्मीबाई की सेना के एक सैनिक पूरन कोरी से करवा दिया, पूरन भी बहुत बहादुर था, और पूरी सेना उसकी बहादुरी का लोहा मानती थी। एक बार गौरी पूजा के अवसर पर झलकारी गाँव की अन्य महिलाओं के साथ महारानी को सम्मान देने झाँसी के किले मे गयीं, वहाँ रानी लक्ष्मीबाई उन्हें देख कर अवाक रह गयी क्योंकि झलकारी बिल्कुल रानी लक्ष्मीबाई की तरह दिखतीं थीं (दोनो के रूप में आलौकिक समानता थी)। अन्य औरतों से झलकारी की बहादुरी के किस्से सुनकर रानी लक्ष्मीबाई बहुत प्रभावित हुईं। रानी ने झलकारी को दुर्गा सेना में शामिल करने का आदेश दिया। झलकारी ने यहाँ अन्य महिलाओं के साथ बंदूक चलाना, तोप चलाना और तलवारबाजी की प्रशिक्षण लिया। यह वह समय था जब झांसी की सेना को किसी भी ब्रिटिश दुस्साहस का सामना करने के लिए मजबूत बनाया जा रहा था। लार्ड डलहौजी की राज्य हड़पने की नीति के चलते, ब्रिटिशों ने निःसंतान लक्ष्मीबाई को उनका उत्तराधिकारी गोद लेने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि वे ऐसा करके राज्य को अपने नियंत्रण में लाना चाहते थे। हालांकि, ब्रिटिश की इस कार्रवाई के विरोध में रानी के सारी सेना, उसके सेनानायक और झांसी के लोग रानी के साथ लामबंद हो गये और उन्होने आत्मसमर्पण करने के बजाय ब्रिटिशों के खिलाफ हथियार उठाने का संकल्प लिया। अप्रैल १८५८ के दौरान, लक्ष्मीबाई ने झांसी के किले के भीतर से, अपनी सेना का नेतृत्व किया और ब्रिटिश और उनके स्थानीय सहयोगियों द्वारा किये कई हमलों को नाकाम कर दिया। रानी के सेनानायकों में से एक दूल्हेराव ने उसे धोखा दिया और किले का एक संरक्षित द्वार ब्रिटिश सेना के लिए खोल दिया। जब किले का पतन निश्चित हो गया तो रानी के सेनापतियों और झलकारी बाई ने उन्हें कुछ सैनिकों के साथ किला छोड़कर भागने की सलाह दी। रानी अपने घोड़े पर बैठ अपने कुछ विश्वस्त सैनिकों के साथ झांसी से दूर निकल गईं। झलकारी बाई का पति पूरन किले की रक्षा करते हुए शहीद हो गया लेकिन झलकारी ने बजाय अपने पति की मृत्यु का शोक मनाने के, ब्रिटिशों को धोखा देने की एक योजना बनाई। झलकारी ने लक्ष्मीबाई की तरह कपड़े पहने और झांसी की सेना की कमान अपने हाथ मे ले ली। जिसके बाद वह किले के बाहर निकल ब्रिटिश जनरल ह्यूग रोज़ के शिविर मे उससे मिलने पहँची। ब्रिटिश शिविर में पहँचने पर उसने चिल्लाकर कहा कि वो जनरल ह्यूग रोज़ से मिलना चाहती है। रोज़ और उसके सैनिक प्रसन्न थे कि न सिर्फ उन्होने झांसी पर कब्जा कर लिया है बल्कि जीवित रानी भी उनके कब्ज़े में है। जनरल ह्यूग रोज़ जो उसे रानी ही समझ रहा था, ने झलकारी बाई से पूछा कि उसके साथ क्या किया जाना चाहिए? तो उसने दृढ़ता के साथ कहा,मुझे फाँसी दो। जनरल ह्यूग रोज़ झलकारी का साहस और उसकी नेतृत्व क्षमता से बहुत प्रभावित हुआ, और झलकारी बाई को रिहा कर दिया गया. इसके विपरीत कुछ इतिहासकार मानते हैं कि झलकारी इस युद्ध के दौरान वीरगति को प्राप्त हुई। एक बुंदेलखंड किंवदंती है कि झलकारी के इस उत्तर से जनरल ह्यूग रोज़ दंग रह गया और उसने कहा कि "यदि भारत की १% महिलायें भी उसके जैसी हो जायें तो ब्रिटिशों को जल्दी ही भारत छोड़ना होगा"।

Friday, October 14, 2011

ये क्या किया पूनम आपने

आज कल पूनम पाण्डेय पर् जबरजस्त पुब्लिसिटी का भूत सबाल हो गया है !वह कही कपडे उतारने का एलान करती है तो कही कुछ भी कह देती है !इस बार उन्होंने अपनी एक सेमी पोर्न वेबसाइट शुरू कर दी है !पर् अभी लॉन्च नहीं हुई पर् उन्होंने इस पर् ३ मिनट का विडियो अपलोड करके जरूर लोगो को हेरत में ड़ाल दिया है !जब उनसे किसी ने कहा की आप बिग बॉस बिग बॉस में जाने वाली है !तो उन्होंने कहा की मुजहे बिग्बोस में जाने की क्या जरुरत जब लोग मुजहे इस साईट पर् लाइव देख पायेगे !और मेरे बाथरूम और बिस्टर के बोल्ड सीन लाइव देख पायेगे !यदि आप भी उनकी इस साईट के दर्शन करना चाहते है !तो बस यहाँ क्लिक कर दे !और हा जाते जाते इस पोस्ट पर् कमेन्ट भी करते जाए !

Wednesday, October 05, 2011

अब आप खुद करे रावन का दहन यहाँ पर् !

अगर आप ने रावण का दहन नहीं किया है !और आप रावन का दहन करना चाहते है !तो मायुश ना हो क्यों की आज हम आपको लेकर जायेगे एक ऐसी जगह जहा आप खुद रावण का दहन इस शुभ अवसर पर् कर सकते है !जी हा हम बात कर रहे है !एक ऐसी वेबसाइट की जहा आप खुद रावण दहन का मज़ा ले सकते है !तो देर किस बात की अभी चलते है !इस साईट पर् इस साईट पर् जाने के लिए यहाँ क्लिक करे ! अगली पोस्ट में देखे की क्यों मनाया जाता है दसहरा