Wednesday, June 29, 2011

भारत क्यों है ऐसा


भारत एक ऐसा देश जहा कहा जाता है!की सभी नागरिक समान है !और सभी को सामान अधिकार है !और यहाँ पर् नागरिको के अधिकारों के लिए मोलिक अधिकार भी बनाये गए है !जिनका पालन होता है !और यहाँ पर् शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चे को दिया गया है !साथ ही साथ बाल श्रम के विरोध में कानून बनाया गया है!और यहाँ पर् सभी को अपनी बात कहने की स्वतंत्रता है !यह सब कहना है सविधान में लिखे लेखो का!
पर् क्या ऐसा होता है क्या आपको अपनी बात कहने की स्वतंत्रता मिलती है !आपको अपनी बात कहने की स्वतंत्रता तो मिलती होगी पर् सायद अपनी बात कहने के बाद आपको सुरक्षा के लिए भागना पड़ता हो !आज के समय में आपके पास कई ऐसे उदहारण है !जो सविधान के इन लेखो के साथ साथ सरकार की भी पोल खोल रही है!जैसे आजकल पर् आप सोच रहे होगे की इन बातो पर् मीडिया भी जोर क्यों नहीं देता !तो में आपको बता दू आज कल मीडिया भी भ्रष्ट लोगो के हाथो बिक चूका है !तभी तो सायद ऐसे राज्य जहा पर् सायद शिक्षा गावो तक ना पहुच पाई हो पर् कुछ चेनलो पर् सरकार की झूठी तारीफ की जाती है जो सायद कभी कभी आधे य एक घंटे तक चलती है !और सरकार कई तरह के कानून बनाती है की जनता की आवाज़ सीधी सरकार तक पहुचे पर् सायद जनता की आवाज़ जिला के कलेक्टर तक ही नहीं पहुच पाती है !क्यों की एक आम आदमी को क्ल्लेक्टेर के पास अपनी बात कहने के लिए जाने तक नहीं दिया जाता !अरे भाई उनके बॉडीगार्ड जो उनके साथ लगे रहते है! वे कलेक्टर साहब की रक्षा ठीक उसी तरह करते है !जैसे मधुमखी अपने छाते की करती है ! क्यों की मेरे हिसाब से सायद यहाँ कानून आम लोगो के लिए ही बस होता है !
और हा मेरा एक सवाल जो सायद आप लोग बता पाए की आजकल भारत में योग्य आदमी की जगह अयोग्य आदमी ही शासन में क्यों लिए जा रहे है !यह बात मेरी समझ में नहीं आती इसे आप ही बता सके !
और हा अंत में एक गाना आपके लिए जो इस देश की व इस देश के नेताओ के बारे कुछ कह रहा है !तो आप सुन ले !

20 comments:

रविकर said...

आपका दिल समस्याओं को लेकर परेशां है | मन को शांत करें और जो अपने हाथ में है ईमानदारी से करते चलें ||
बुंदेलखंड कि अनदेखी लखनऊ और दिल्ली दोनों करते रहे हैं --
कई क्षेत्र है जो अतिपिछडे हैं पर राजनेता मस्त --मीडिया टी र प बढाने में व्यस्त कर्मचारी भ्रष्ट सज्जन त्रस्त और आम जनता पस्त है |

Smart Indian said...

अयोग्य आदमी ही शासन में है क्योंकि योग्य आदमी ज़रूरी काम से सो रहे हैं।

Admin said...

ya sabhi akal ke andhe hai
word verification hata lo jisse comment karne me aasani ho

virendra sharma said...

सोने की चिड़िया ऐसी ही तो होती है रे !बुल शित बुल शित!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

क्योंकि शायद अयोग्य आदमी ही इस दलदल में टिक पता है या यूँ कहें की उसे टिकने दिया जाता है.......... परिस्थितियाँ बहुत दुखद हैं....

amit kumar srivastava said...

saarthak lekhan..

दिवस said...

योग्य व्यक्ति इसलिए शासन में हैं क्यों की समाज की एक मिसाल यहाँ कायम है...
नाम याद नहीं आ रहा, एक मुस्लिम उलेमा ने कही थी एक बात...
बाज़ार में गन्दी व फटी नोट ज्यादा मिलती हैं| क्योंकि हमारी आदत है की हम अच्छे नोट बटुए में रखते हैं और गंदे नोट दुकानदार को दे देते हैं| इसी प्रकार राजनीति के बाज़ार में भी गंदे नोट ही में घूम रहे हैं क्योंकि अच्छे नोट हमने अपने बटुए में छुपा रखे हैं|

Vandana Ramasingh said...

पूरे यूपी का हाल यही है भले ही गीत सरकार कितने ही गाये और हमारे पास विकल्प भी नहीं

रेखा said...

आज स्थिति ऐसी हो गई की योग्य व्यक्ति या तो इस क्षेत्र आना ही नहीं चाहते हैं या तो फिर उनको इधर टिकने नहीं दिया जाता है

upendra shukla said...

आखिर क्यों सरकारी जगहों पर् योग्य आदमी की जगह अयोग्य को पहले चुना जाता है !
रविकर जी ,स्मार्ट इंडियन ब्लॉग ,दीपक ,वीरू भाई जी ,मोनिका जी ,अमित जी ,दिवस भाई ,वंदना जी और रेखा जी धन्यवाद जो आप लोग इस मंच पर् आकार आप लोगो ने अपने विचार प्रकट किये!

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

उपेन्द्र शुक्ल जी सार्थक और बेबाक लेख निम्न सत्य कहा आप ने -प्रायः देखा जाता है ऐसा-हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं न बस वही -लिखते रहिये -
कृपया भ्रमर की माधुरी, रस रंग भ्रमर का में भी पधारें
शुक्ल भ्रमर ५
आपको अपनी बात कहने की स्वतंत्रता तो मिलती होगी पर् सायद अपनी बात कहने के बाद आपको सुरक्षा के लिए भागना पड़ता हो !

Vivek Jain said...

जिसे वोट देती है जनता, वही बनता है नेता, क्या करोगे,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

Urmi said...

बहुत बढ़िया और सार्थक पोस्ट! सच्चाई को आपने बड़े ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है !

babanpandey said...

some lines of mine...on ur informative notes....

हर जगह आग है, शोला है, कही प्यार नहीं है
सकून दे सके आपको,ऐसी कोई वयार नहीं है //

कितना संभल कर चलेंगे आप,अब गुल में
हर पेड़ अब खार है,कोई कचनार नहीं है //


हंसी मिलती है,अब सिर्फ तिजारत की बातों में
रिश्तों का महल बनाने, अब कोई तैयार नहीं है //

अश्क पोछना होगा अब आपको,अपने ही रुमाल से
पोछ दे आपका अश्क,अब ऐसा कोई फनकार नहीं है //

माँ ! लिखना भूल गई है अब मेरी कलम
शायद ,बेटे को अब माँ की दरकार नहीं है //

जी भर लूटो ,खाओ , इस हिन्दुस्तान मेरे दोस्त !!
मेरी कलम,अब कलम है ,कोई तलवार नहीं है //

babanpandey said...

these line is available on my blog
http://babanpandey.blogspot.com

Rima Kaur said...

hi, i deleted your comment on my blog by mistake. i'm happy you liked it. happy reading!

upendra shukla said...

thanks shukla ji,vivek ji,babli ji, pandey ji and rima ji

Sawai Singh Rajpurohit said...

बहुत ही उम्दा प्रस्तुती

Dr (Miss) Sharad Singh said...

अच्छा विश्लेण किया है आपने...
इस सार्थक लेख के लिए आपको हार्दिक बधाई।

virendra sharma said...

अच्छी जानकारी उपेन्द्र भाई .हमने तो कुछ किया नहीं अलबत्ता आप कुछ कर दें .शुक्र गुज़ार रहेंगे आपके .मसलन हम अपना ई मेल ,पास वर्ड आदि आपको भेज देते हैं बाकी काम आप कर दें .शुक्रिया .भाई अग्रिम शुक्रिया .हाँ भाई शब्द अलबत्ता है अलबता छाप गया है .

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